Love Shayari Farhan Biswani
मैं किस तरह से कहूं उसपे ऐतबार नहीं वगैर उसके मेरे दिल को भी करार नहीं ये बात और है कि गुफ्तगू नहीं होती ...
मैं किस तरह से कहूं उसपे ऐतबार नहीं वगैर उसके मेरे दिल को भी करार नहीं ये बात और है कि गुफ्तगू नहीं होती ...